Thursday 1 February 2018

सहारनपुर देवबंद का फतवाः लड़कियों का स्कर्ट पहनकर खेलना नाजायज

सहारनपुर देवबंद का फतवाः लड़कियों का स्कर्ट पहनकर खेलना नाजायजसहारनपुर  (जेएनएन)। देश की महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा के स्कर्ट पहनकर खेलने को लेकर दारुल उलूम द्वारा दिए गए आठ वर्ष पुराने फतवे के बाद अब उलमा ने मुस्लिम युवतियों के स्कर्ट या मिनी स्कर्ट पहनने पर अपनी राय दी है। कहा कि इस्लाम में औरतें ही नहीं, पुरुषों के लिए भी जिस्म ढकने के ऐतबार से पोशाक निर्धारित है। फतवा ऑन मोबाइल सर्विस के चेयरमैन मुफ्ती अरशद कासमी ने कहा कि अगर किसी खेल में ड्रेस कोड के हिसाब से महिलाओं के खुले अंग दिखते हो तो वह खेल खेलना हराम है।



सहारनपुर देवबंद का फतवाः लड़कियों का स्कर्ट पहनकर खेलना नाजायज
सहारनपुर देवबंद का फतवाः लड़कियों का स्कर्ट पहनकर खेलना नाजायज

जुमा की नमाज की इमामत कर चर्चाओं में आई केरल की कुरान सुन्नत सोसाइटी की महासचिव जमीदा के बयान पर देवबंद में उलमा फिर भड़के और इसे इस्लाम मुखालिफ ताकतों का षड्यंत्र बताया। एक न्यूज ग्रुप को दिए साक्षात्कार में जमीदा ने दावा किया था कि नमाज पांच नहीं, बल्कि तीन वक्त की होती है। जमीदा के अनुसार नमाज सुबह, शाम और रात के वक्त पढ़ी जाती है। एक रकात में केवल एक ही सजदा होता है। इस पर फतवा ऑन मोबाइल सर्विस के चेयरमैन ने कहा कि अपने आपको इमाम समझने वाली महिला को नमाज पढ़ने तक का तरीका मालूम नहीं है। तंजीम उलेमा-ए-हिंद के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना नदीमुल वाजदी ने कहा कि गलत तथ्य पेश कर जमीदा सुर्खियां बटोर रही हैं।



दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज के जिम्मेदारों और दारुल उलूम देवबंद के बीच दूरी बढ़ती जा रही है। अब तबलीगी जमात के एक गुट के अमीर मौलाना साद के गैर जिम्मेदाराना बयान पर दारुल उलूम ने एतराज जताया है। दारुल उलूम ने स्पष्ट किया कि मौलाना गलती मानने के बावजूद लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे उलमा में उन्हें लेकर बेचैनी है। दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने स्पष्टीकरण पत्र में कहा कि मौलाना साद जमात के काम को लेकर शरीयत का गलत उदाहरण दे रहे हैं।

नोमानी ने कहा कि अकाबिरों (बड़े उलमा) की विचारधारा से जरा सा भी हटना बड़े नुकसान का सबब हो सकता है। पत्र में यह भी स्पष्ट किया कि तबलीगी जमात के अंदरूनी झगड़ों से उनका कोई संबंध नहीं है। कहा कि कुछ समय पूर्व मौलाना साद द्वारा पैगम्बर हजरत मूसा के संबंध में गलतबयानी की गई थी, जिस पर बाद में उन्होंने गलती स्वीकारी थी।  

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